सोने से पहले एक बात,
अलग अलग सारे जज्बात,
सपनो की धीमी बरसात,
आते जाते है ये ख्यालात,
सपनो की धीमी सी बरसात,
करती तुम हो जब से बात,
मीठी मीठी सी लगती आग,
बाकी होती बस काली रात

कवि नरेन प्रधान