कितने तैश में रहते होंगे वो जितने इठलाते होंगे,
जाने कै से राज वो होंगे वो जिनको दफनाते होंगे।
जज्बातों की सुन्न रातो में, आते जाते ख्यालातों में,
बचकानी सी टुन् बातों में, छोटे मोटे गमशालों में,
सनम डूब ना जाते होंगे वो जो जाम पिलाते होंगे।
जाने कै से राज वो होंगे, वो जिनको दफ़नाते होंगे।

कवि नरेन प्रधान